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विश्व धरोहर दिवस: भारतीय संस्कृति का अद्भुत उत्सव

 ### विश्व धरोहर दिवस: भारतीय संस्कृति का अद्भुत उत्सव



हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाने वाला **विश्व धरोहर दिवस** (World Heritage Day) हमारे इतिहास और संस्कृति के संरक्षण का प्रतीक है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व भर में सांस्कृतिक धरोहरों की पहचान करना और उनकी रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना है। भारत, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें ऐतिहासिक स्मारक, परंपराएँ, और अनूठी कलाएँ शामिल हैं।


#### भारतीय संस्कृति की धरोहर


भारत की संस्कृति की गहराई विभिन्न प्राचीन सभ्यताओं से मिलती है। **ताजमहल**, **खजुराहो**, और **हुमायूँ का मकबरा** जैसे स्मारक यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। ये स्मारक न केवल वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनकी कहानी भी भारत की संस्कृति की गहराई को उजागर करती है।


#### धरोहर का संरक्षण


विश्व धरोहर दिवस पर, हमें यह समझना चाहिए कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। यह न केवल अतीत की पहचान है, बल्कि हमारी पहचान भी है। हमें युवा पीढ़ी को इन धरोहरों के महत्व के बारे में शिक्षित करना चाहिए ताकि वे भी इस जिम्मेदारी को समझें।


#### जागरूकता और कार्यक्रम


इस दिन, विभिन्न संस्थाएँ और संगठन कार्यशालाएँ, सेमिनार, और प्रदर्शनी आयोजित करते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जहाँ छात्र नृत्य, संगीत, और कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं।


#### निष्कर्ष


विश्व धरोहर दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर की महत्ता को समझें और उसे संरक्षित करने के लिए प्रयास करें। आइए हम सभी मिलकर इस धरोहर को सुरक्षित रखने का संकल्प लें ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे अनुभव कर सकें।


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